हरदोई जनपद में आने के बाद मुझे एक पदेन जिम्मेदारी का निर्वहन करना पडा वह थी महात्मा गांधी जन कल्याण समिति के सचिव पद की जिम्मेदारी। यह उत्तरदायित्व मेरे सभी पूर्वाधिकारियों के लिये एक औपचारिकता भर रही है। यह समिति हरदोई में गांधी की स्मृति में निर्मित गांधी भवन की देख रेख का कार्य करती है।
इससे जुडा ऐतिहासिक तथ्य यह है कि सन 1928 में साइमन कमीशन के भारत आने के बाद इसका विरोध करने के लिये ने महात्मा गांधी समूचे भारत में यात्रा कर जनजागरण किया था। इसी दौरान 11 अक्टूबर 1929 को गांधी जी ने हरदोई का भी भ्रमण किया था। सभी वर्गों के व्यक्तियों द्वारा महात्मा गांधी जी का स्वागत किया तथा उन्होंने टाउन हाल में 4000 से अधिक व्यक्तियों की जनसभा को संबोधित किया। सभा के समापन पर खद्दर के कुछ बढिया कपडें 296 रूपये में नीलाम किये गये और यह धनराशि गांधी जी को भेट की गयी। (संदर्भ:एच आर नेबिल संपादित हरदोई गजेटियर पृष्ठ 56) स्वतंत्रता के बाद सम्पूर्ण भारत वर्ष में महात्मा गांधी जी की स्मृति को संजोने के लिए के लिऐ उनके भृमण स्थलों पर स्मारकों का निर्माण किया गया जिसमें हरदोई में गांधी भवन का निर्माण हुआ । इस भवन का रख रखाव महात्मा गांधी जनकल्याण समिति द्वारा किया जाता है।
2013 के नववर्ष पर समिति की ओर से पहल करते हुये मैने इस परिसर में एक प्रार्थना कक्ष स्थापित कराया है और सर्वोदय आश्रम टडियांवा के सहयोग से सर्वधर्म प्रार्थना का नियमित आरंभ कराया है। यह प्रार्थना कक्ष महात्मा जी की विश्राम स्थली रहे कौसानी में स्थापित अनासक्ति आश्रम के समरूप है तथा कौसानी में संचालित नियमित सर्वधर्म प्रार्थना के अनुरूप इस परिसर में भी नियमित रूप से सर्वधर्म प्रार्थना की जा रही है ।
ईश्वर से प्रार्थना है कि इस वर्ष नववर्ष पर सर्वोदय आश्रम के साथ मिलकर मैने जिस संकल्प पर अमल करना चाहा है वह समय की शिला पर दिनों दिन पडने वाली धूल में धुंधली न पडें अपितु और अधिक प्रगाढ होती जाय। आमीन।
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