उत्तर प्रदेश में भू राजस्व की वसूली हेतु भूअभिलेखों को अद्यतन रखने हेतु जिलाधिकारी को उत्तरदायी बनाया गया है। इस हेतु भू राजस्व अधिनियम 1901 के प्रविधान प्रदेश में लागू है जिसकी धारा 34 भूअधिलेखों में नामान्तरण की ब्यवस्था देती है । इस धारा के तहत किसी भी प्रकार से भूमि पर कब्जे के परिवर्तन के लिये तहसीलदार द्वारा नामान्तरण वादों की सुनवयी के आधार पर नामान्तरण आदेश पारित किये जाते हैं । अनेक अवसरों पर बैनामें में त्रुटि होने से नामान्तरण आदेश जारी होने में अडचन आती है , ऐसी स्थिति में क्रेता सुधार विलेख निष्पादित कराता है जिसके संबंध में एक रोचक चर्चा तीसरा खंभा पर की गयी है । आप सभी सुधी पाठकों के लिये उसे यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ कृपया विस्तृत विवरण पढने के लिये लिंक पर क्लिक करें।
तीसरा खंबा: सुधार विलेख (Correction Deed) निष्पादित करने से मना करने पर विक्रेता के विरुद्ध विशिष्ठ अनुपालन का वाद
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